किडनी की बीमारी में कौन से फल नहीं खाने चाहिए?
किडनी की बीमारी एक आम पुरानी बीमारी है और रोगियों को अपने आहार, विशेषकर फलों के चयन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। कुछ फलों में पोटेशियम, फॉस्फोरस या चीनी का उच्च स्तर हो सकता है, जो खराब किडनी समारोह वाले रोगियों के लिए बोझिल हो सकता है। निम्नलिखित किडनी रोग आहार से संबंधित वह सामग्री है जिस पर पिछले 10 दिनों में इंटरनेट पर खूब चर्चा हुई है। विशेषज्ञ की सलाह और रोगी की प्रतिक्रिया के आधार पर, उन फलों की एक सूची तैयार की गई है जिन्हें किडनी रोग के रोगियों को सावधानी के साथ खाना चाहिए।
1. उच्च पोटेशियम वाले फल जिनसे किडनी रोग के रोगियों को बचना चाहिए

हाइपरकेलेमिया गुर्दे की बीमारी के रोगियों में एक आम जटिलता है, इसलिए पोटेशियम का सेवन प्रतिबंधित करने की आवश्यकता है। निम्नलिखित फलों में पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है और इनसे बचना चाहिए या इनके सेवन को सख्ती से नियंत्रित करना चाहिए:
| फल का नाम | पोटेशियम सामग्री (प्रति 100 ग्राम) | जोखिम स्तर |
|---|---|---|
| केला | 358 मि.ग्रा | उच्च |
| नारंगी | 181 मि.ग्रा | मध्य से उच्च |
| कीवी | 312एमजी | उच्च |
| खरबूजा | 267 मिलीग्राम | मध्य से उच्च |
2. उच्च चीनी वाले फल जिन्हें प्रतिबंधित करने की आवश्यकता है
डायबिटीज किडनी रोग के मरीजों को चीनी के सेवन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। निम्नलिखित फलों में चीनी की मात्रा अधिक होती है:
| फल का नाम | चीनी सामग्री (प्रति 100 ग्राम) | सुझाव |
|---|---|---|
| लीची | 16.5 ग्राम | बचना |
| अंगूर | 15.5 ग्राम | एक छोटी सी रकम |
| आम | 14.8 ग्राम | एक छोटी सी रकम |
3. अन्य फल जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है
निम्नलिखित फल अन्य अवयवों के कारण गुर्दे की बीमारी वाले लोगों के लिए हानिकारक हो सकते हैं:
4. गुर्दे की बीमारी के रोगियों के लिए अनुशंसित कम पोटेशियम और कम चीनी वाले फल
निम्नलिखित फलों का सेवन कम मात्रा में किया जा सकता है:
| फल का नाम | विशेषताएं |
|---|---|
| सेब | कम पोटेशियम, कम चीनी, छीलने के बाद सुरक्षित |
| नाशपाती | उच्च नमी और मध्यम पोटेशियम सामग्री |
| स्ट्रॉबेरी | चीनी कम है, लेकिन मात्रा नियंत्रित करने की जरूरत है |
5. विशेषज्ञ की सलाह
1. व्यक्तिगत समायोजन: गुर्दे के कार्य चरण (जैसे जीएफआर मूल्य) और रक्त पोटेशियम स्तर के आधार पर एक आहार योजना विकसित करें।
2. पकाने की विधि: फलों को पकाने से पोटेशियम की मात्रा कुछ हद तक कम हो सकती है।
3. संकेतकों की निगरानी: नियमित रूप से रक्त पोटेशियम, रक्त शर्करा और मूत्र प्रोटीन की जांच करें।
नोट: उपरोक्त डेटा "क्रोनिक किडनी रोग के पोषण संबंधी उपचार के लिए चीनी दिशानिर्देश" और तृतीयक अस्पतालों के नैदानिक पोषण विभाग की सिफारिशों से संदर्भित हैं। डॉक्टर की सलाह के अनुसार विशिष्ट आहार का पालन करना चाहिए।
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